आज के समाज से प्रेरित: सनातन धर्म का अर्थ हमारे समाज में जब कोई गरीब, अकेला और संसाधनों से वंचित व्यक्ति अन्याय के विरुद्ध खड़ा होता है, तो उसकी लड…
Read more »परिचय मनुष्य जीवन की सबसे प्राचीन और स्वाभाविक खोज है — सुख। हम जीवन के हर मोड़ पर, हर निर्णय में, हर संबंध में यही तलाशते हैं कि कहाँ अधिक शांति, अध…
Read more »भावनाओं का संतुलन: जीवन की सच्ची समझ अक्सर लोगों के लिए उनकी भावनाएं ही उनकी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती हैं। भावनाओं के प्रवाह में वे इस कदर फंस जाते ह…
Read more »अंधविश्वास एक ऐसा रोग है जो हमें सच्चाई से दूर कर देता है, तथा हम बेबुनियाद बातों पर भी लगते हैं। तो इस पोस्ट हम जानेंगे की अन्धविश्वास का जन्म इंसा…
Read more »ब्रह्माण्ड में प्रत्येक पदार्थ की अपनी अपनी आवाजें अथवा कम्पन्न है। आकाश, धरती, जल, अग्नि तथा पवन की अपनी अपनी आवाजे अथवा कम्पन्न हैं। ब्रह्माण्ड म…
Read more »रामकृष्ण परमहंस की जीवनी रामकृष्ण परमहंस एक उच्च कोटि के दार्शनिक तथा आत्मज्ञानी पुरुष थे। उनके जीते-जी ही लोग उन्हें भगवान् की तरह पूजते थे। उनके…
Read more »कर्म-बंधन में फंसा इंसान, दुखो से व्याकुल होकर जब परम शान्ति की तलाश में निकलता है, तो उसे उम्मीद मोक्ष में ही दिखती है। मोक्ष ही वह स्थिति ह…
Read more »कर्म का अर्थ कर्म का आसान अर्थ काम होता है। आपका उठना, बैठना, बात करना, सोना, सोचना, मनन करना इत्यादि हर तरह की शारीरिक और मानसिक गतिविधि कर्म है। …
Read more »शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय शुभं करोति शुक्रः , अर्थात, जो शुभ करता है वह शुक्र है। ब्रह्माण्ड में ग्रहों की स्थिति का हमारे जीवन पर सीधा असर पड़…
Read more »हमारे शरीर में वायु पांच प्रकार के होते हैं। ये वायु ही इंसान को जीवित रखने के लिए प्राण ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं। जब इन्सान की मृत्यु होती है तो ये …
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